विदिशा में 1901 में पहली बार रामलीला का मंचन शुरू हुआ था। तब से अब तक यह रामलीला हर साल मकर संक्राति के दिन से शुरू होती है।

आजादी की लौ जलाने और लोगों का भगवान पर भरोसा बनाएं रखने के लिए 1901 में पहली बार विश्वनाथ प्रसाद शास्त्री ने विदिशा में रामलीला शुरू थी। वक्त बदल गया, हालात बदल गए लेकिन रामलीला आज भी जारी है। आमतौर पर हम दशहरा में रामलीला होने की बात जानते हैं लेकिन विदिशा में मकर संक्राति से रामलीला शुरू होती है। आपको बता दें कि इस रामलीला का मंचन नहीं होता, क्योंकि ये खुले मैदान में होती है न कि मंच पर