यह देश की पहली ऐसी रामलीला समीति है जिसका अपना संविधान है। इस रामलीला के बारे में मप्र के गेजेटियर में भी जिक्र किया गया है। रामलीला की खासियत यह है कि आजादी के पहले से ही इसका अध्यक्ष जिले के कलेक्टर को बनाया जाता है।