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ramleelavidishamp.org@gmail.com
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श्री रामलीला मेला समिति विदिशा
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अनोखी रामलीला

आजादी की लौ जलाने और लोगों का भगवान पर भरोसा बनाएं रखने के लिए 1901 में पहली बार विश्वनाथ प्रसाद शास्त्री ने विदिशा में रामलीला शुरू थी। वक्त बदल गया, हालात बदल गए लेकिन रामलीला आज भी जारी है। आमतौर पर हम दशहरा में रामलीला होने की बात जानते हैं लेकिन विदिशा में मकर संक्राति से रामलीला शुरू होती है। आपको बता दें कि इस रामलीला का मंचन नहीं होता, क्योंकि ये खुले मैदान में होती है न कि मंच पर , 1901 साल गुजर जाने के बाद भी रामलीला में कोई बदलाव नहीं आया है। इस अनोखी रामलीला में पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा भी राम की सेना में बंदर का रोल निभा चुके हैं।

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पता: श्री रामलीला सेवा समिति विदिशा (म. प्र.)
मोबाइल : 9826209720, 9575963404
ई-मेल : ramleelavidishamp.org@gmail.com

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श्रीरामलीला का उद्देश्य

श्री रामलीला मेला स्थापना का उद्देश्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्श चरित्र ( अनंत गुण संपन्न प्रभु श्री राम के अंश चरित्र जैसे गुरु भक्ति, पितृ- मातृ भक्ति, राजभक्ति, राजनीति, धर्म नीति, दांपत्य प्रेम, सेवा, धर्म, वीरता, मित्रता, सत्य संकल्पता प्रजाभक्ति, दयालुता, परोपकार, समदर्शिता, उदारता, त्याग, धैर्य, साहस, क्षमा, मान आदि ) को लीला के माध्यम से प्रस्तुत कर, उन आदर्श चरित्रों का अनुसरण करने को प्रेरित करना था । इस अनोखी रामलीला में पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा भी राम की सेना में बंदर का रोल निभा चुके हैं।

कॉपीराइट © 2014 " श्रीराम लीला मेला समिति विदिशा सर्वाधिकार सुरक्षित, नि:शुल्क : वेबसाइट डिजाईन, डेवलप एंड मेन्टेन (बलराम साहू "ई-सुविधा") 9630608544

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